विद्येश्वरसंहितायां मुनिप्रश्नवर्णनं नाम प्रथमोऽध्यायः
Vidyeshwar Samhita, Sage question description Chapter 1
व्यास उवाच |
Vyasa said (to the sages)
परोपकारसदृशो नास्ति धर्मो परः खलु || 36 ||
There is really no similar or higher Dharma than doing good to others.
Compare परहित बस जिनके मन माही | तिन्ह कंहू जग दुर्लभ कछु नाही || and परहित सरिस धर्म नहीं भाई | परपीड़ा सम नही अधमाई || from Ramayana.
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